The song features Jubin Nautiyal's powerful and emotive vocals, with a simple yet effective melody that showcases his versatility as a singer. The lyrics are poetic and storytelling, painting a picture of a past love that's lost, with the rain serving as a metaphor for the tears and heartache.
Composer | Rochak Kohli |
Lyricist | Gurpreet Saini |
Singer | Jubin Nautiyal |
Album | Zor Ki Barsaat Hui |
Record Label | Super Cassettes Industries Limited |
Song Release Year |
कल बड़े ज़ोर की बरसात हुई
कल बड़े ज़ोर की बरसात हुई
मेरी तुमसे पहली-पहली मुलाक़ात हुई
मेरी तुमसे पहली-पहली मुलाक़ात हुई
आँ, बारिश तो बस एक बहाना था
तेरे जो नज़दीक आना था
आँखों से तेरी जो आँखें मिली, मेरी साँसें थम गई
चुप रहे नज़रों से सारी बात हुई
चुप रहे नज़रों से सारी बात हुई
मेरी तुमसे पहली-पहली मुलाक़ात हुई, मुलाक़ात हुई
हाँ, बरसात हुई, मुलाक़ात हुई
हाँ, सारा शहर सो रहा था
तुम थी खोई मस्ती में
जैसे कोई चाँद खोया हो
तारों की बस्ती में
नैनों में तेरे शरारत थी
अपनी भी थोड़ी शराफ़त थी
लेकिन जो दिल में थी चाहत छुपी, होंठों पे आ गई
इस तरह फ़िर प्यार की शुरूआत हुई
इस तरह फ़िर प्यार की शुरूआत हुई
मेरी तुमसे पहली-पहली मुलाक़ात हुई
मेरी तुमसे पहली-पहली मुलाक़ात हुई
हाँ, रेशम सी तू और ये सावन महीना
दिल मेरा जाए पिघल ये कहीं ना
बूँदें लपेटे हुए है बदन पे
तू बादलों से चुरा के
जाए जिधर तू, नज़र मेरी जाए
क्या डर है तू 'गर जिगर ले भी जाए
दीवानेपन की हदों से गुज़र गई दिल की ये लगी
बे-क़रारी में ही आधी रात हुई
बे-क़रारी में ही आधी रात हुई
मेरी तुमसे पहली-पहली मुलाक़ात हुई, मुलाक़ात हुई
जो बरसात हुई, मुलाक़ात हुई
जो बरसात हुई, मुलाक़ात हुई