The song seamlessly blends the charm of Bollywood with classical fusion, creating a melodious experience that touches the heart. With its heartfelt lyrics and soft acoustic elements, the track stands out as a poignant ode to love and emotion. Shafaqat Ali's rendition brings a unique depth and sentimentality to the song, complemented by a harmonious orchestral arrangement that adds a dramatic flair.
Composer | Jeet Gannguli |
Lyricist | Sanjay Masoomm |
Singer | Shafaqat Ali |
Album | Raaz 3 |
Record Label | Super Cassettes Industries Limited |
Song Release Year |
ज़िन्दगी से चुरा के
ज़िन्दगी में बसा के
ज़िंदगानी बनाया है तुझे
रूठे रब को मन के
आसमान को झुका के
ज़िंदगानी बनाया है तुझे
तू मिला जिस तरह सबा मिले
तू मिला जिस तरह सिला मिले
तू मिला जिस तरह
दुआ मिले बखुदा
तू मिला तोह जैसे
मैं जी गया
तू मिला मुकम्मल
मैं हो गया
तू मिला तोह फैला
है नूर सा बखुदा
ज़िन्दगी से चुरा के
ज़िन्दगी में बसा के
ज़िंदगानी बनाया है तुझे
मेहफ़ूज़ तू महसूस कर
तेरे पास हूँ मैं सदा
तुझसे नहीं हो सकता मैं
पल भर भी अब जुदा
अब साथ हैं हम इस
तरह आँखों पे सन्ग पलके
आ वक़्त को यह बात
हम इक बार फिर से कह दें
सारे ग़म से छुपा
के हर नज़र से बचा के
ज़िंदगानी बनाया है तुझे
तू मिला जिस तरह सबा मिले
तू मिला जिस तरह सिला मिले
तू मिला जिस तरह
दुआ मिले बखुदा
तू मिला तोह जैसे
मैं जी गया
तू मिला मुकम्मल
मैं हो गया
तू मिला तोह फैला
है नूर सा बखुदा
बाहों में आ हो जायेंगे
शिक़वे सभी खुद फ़ना
होठों से मैं तुझ को
सुनु आँखों से तू कुछ सूना
तू अक्स हैं मैं आइना
फिर क्या है सोचना
एक दूसरे में खो के
है इक दुसरे को पाना
किस्मतों को जगा के
हर जहां को हरा के
ज़िंदगानी बनाया है तुझे
तू मिला जिस तरह सबा मिले
तू मिला जिस तरह सिला मिले
तू मिला जिस तरह
दुआ मिले बखुदा
तू मिला ततो जैसे
मैं जी गया
तू मिला मुकम्मल
मैं हो गया
तू मिला तोह फैला
है नूर सा बखुदा