The song opens with a gentle orchestral arrangement, setting a peaceful tone. The use of traditional Indian instruments like the flute, tabla, and sitar, along with soft rock elements, adds depth and richness to the composition.
Composer | Ram Laxman |
Lyricist | Mitali Shashank,Ravindra Rawal,Dev Kholi,R.Kiran |
Singer | Ravindra Rawal,Ghanshyam Vaswani,Pratima Rao,Hariharan,Santosh Tiwari |
Album | Hum Saath - Saath Hain |
Record Label | Rajshri |
Song Release Year |
यह तो सच है की भगवन है
है मगर फिर भी अनजान है
धरती पे रूप माँ बाप का
उस विधाता की पहचान है
जन्मदाता है जो
थामकर जिनकी उंगली है बचपन चला
काँधे पर बैठके
ज्ञान जिनसे मिला
इतने उपकार हैं क्या कहें
यह बताना न आसान है
धरती पे रूप माँ बाप का
उस विधाता की पहचान है
जनम देती है जो
अपनी संतान में
लोरियां होठों पर
नींद जो वर दे
ममता के रूप में है प्रभु
आपसे पाया वरदान है
धरती पे रूप माँ बाप का
उस विधाता की पहचान है
आपके ख्वाब हम
उस परम शक्ति से करते हैं प्रार्थना
उनकी छाया रहे
एक पल रह सके हम न जिनके बिना
आप दोनों सलामत रहे
सबके दिल में यह अरमान है
धरती पे रूप माँ बाप का
उस विधाता की पहचान है
यह तो सच है की भगवन है