The lyrics, written by Javed Akhtar, are deeply poetic and evoke a strong sense of patriotism and belonging. The instrumental arrangement is rich and diverse, featuring traditional Indian instruments like the flute and tabla, seamlessly integrated with modern orchestral sounds. The melody is both uplifting and emotional, resonating with the listener's sense of national pride and nostalgia. Rahman's soulful voice adds an expressive depth to the song, capturing the essence of longing and devotion to one's country.
Composer | A.R. Rahman |
Lyricist | Javed Akhtar |
Singer | A. R. Rahman |
Album | Swades |
Record Label | Super Cassettes Industries Limited |
Song Release Year |
ये जो देस है तेरा, स्वदेस है तेरा, तुझे है पुकारा
ये वो बंधन है जो कभी टूट नहीं सकता
ये जो देस है तेरा, स्वदेस है तेरा, तुझे है पुकारा
ये वो बंधन है जो कभी टूट नहीं सकता
मिट्टी की है जो ख़ुशबू, तू कैसे भूलाएगा?
तू चाहे कहीं जाए, तू लौट के आएगा
नई-नई राहों में, दबी-दबी आहों में
खोए-खोए दिल से तेरे कोई ये कहेगा
ये जो देस है तेरा, स्वदेस है तेरा, तुझे है पुकारा
ये वो बंधन है जो कभी टूट नहीं सकता
तुझसे ज़िंदगी है ये कह रही, "सब तो पा लिया, अब है क्या कमी?"
यूँ तो सारे सुख हैं बरसे, पर दूर तू है अपने घर से
आ, लौट चल तू अब दीवाने, जहाँ कोई तो तुझे अपना माने
आवाज़ दे तुझे बुलाने वही देस
ये जो देस है तेरा, स्वदेस है तेरा, तुझे है पुकारा
ये वो बंधन है जो कभी टूट नहीं सकता
ये पल है वही, जिसमें है छुपी पूरी एक सदी, सारी ज़िंदगी
तू ना पूछ, रास्ते में काहे आए हैं इस तरह दो राहें
तू ही तो है राह जो सुझाए, तू ही तो है अब जो ये बताए
जाएँ तो किस दिशा में जाएँ वही देस
ये जो देस है तेरा, स्वदेस है तेरा, तुझे है पुकारा
ये वो बंधन है जो कभी टूट नहीं सकता