The theme of Kalki has been a source of inspiration in various forms of Indian literature, art, and popular culture. It represents the timeless battle between good and evil and the hope for a future where righteousness prevails. This theme resonates with audiences seeking justice and moral order in times of societal turmoil.
Composer | Santhosh Narayanan |
Lyricist | Kumaar |
Singer | Gowtham Bharadwaj |
Album | Kalki 2898 AD |
Record Label | Saregama India Ltd. |
Song Release Year |
तू ही है युगों योगों से वो रक्षा करे
जो सारे जहान की
तूने ही तो आके मिट्टी में मिलाया
धरा पे जो पापी कोई आया
तेरे सिवा हमारा कोई ना
तेरे जैसा सहारा कोई ना है
तूने ही तो धर्म को है बचाया
दुष्टों का करे संहार तू
डूबे संसार को
करे उधार तू
दुष्टों का करे संहार तू
डूबे संसार को
करे उधार तू
दर्दों से पार तू करे
फिर किसी अवतार में आओगे
क्या प्रभु शक में है क्रोध गूंजता
अंत हुआ है शुरू तू ही ज़मी है
तू ही आसमां
चारों युगों की तू ही
दास्ता तू ही आया तू ही आने वाला
आत्मा है तू ही परमात्मा
दुख करे दूर तू
तू ही सुने प्रार्थना आत्मा है
तू ही परमात्मा दुख करे दूर तू
तू ही सुने प्रार्थना
तू ही है युगों योगों से वो रक्षा करे
जो सारे जहान की
तूने ही तो आके मिट्टी में मिलाया
धरा पे जो पापी कोई आया
तेरे सिवा हमारा कोई ना
तेरे जैसा सहारा कोई ना है
तूने ही तो धर्म को है बचाया
आत्मा है तू ही परमात्मा
दुख करे दूर तू तू ही सुने प्रार्थना
तू ही है तुम लोगों से वो
रक्षा करे जो सारे जहाँ की
तूने ही तो आके मिट्टी में मिलाया
धरा पे जो पापी कोई आया
तेरे सिवा हमारा कोई ना
तेरे जैसा सहारा कोई ना है
तूने ही धर्म को बचाया