Theme of Kalki

The theme of Kalki has been a source of inspiration in various forms of Indian literature, art, and popular culture. It represents the timeless battle between good and evil and the hope for a future where righteousness prevails. This theme resonates with audiences seeking justice and moral order in times of societal turmoil.

Song Details
Composer
Lyricist
Singer
Album
Record LabelSaregama India Ltd.
Song Release Year
Theme of Kalki Lyrics in Hindi

तू ही है युगों योगों से वो रक्षा करे
जो सारे जहान की
तूने ही तो आके मिट्टी में मिलाया
धरा पे जो पापी कोई आया

तेरे सिवा हमारा कोई ना
तेरे जैसा सहारा कोई ना है
तूने ही तो धर्म को है बचाया

दुष्टों का करे संहार तू
डूबे संसार को
करे उधार तू
दुष्टों का करे संहार तू
डूबे संसार को
करे उधार तू

दर्दों से पार तू करे
फिर किसी अवतार में आओगे
क्या प्रभु शक में है क्रोध गूंजता
अंत हुआ है शुरू तू ही ज़मी है

तू ही आसमां
चारों युगों की तू ही
दास्ता तू ही आया तू ही आने वाला

आत्मा है तू ही परमात्मा
दुख करे दूर तू
तू ही सुने प्रार्थना आत्मा है
तू ही परमात्मा दुख करे दूर तू
तू ही सुने प्रार्थना

तू ही है युगों योगों से वो रक्षा करे
जो सारे जहान की
तूने ही तो आके मिट्टी में मिलाया
धरा पे जो पापी कोई आया

तेरे सिवा हमारा कोई ना
तेरे जैसा सहारा कोई ना है
तूने ही तो धर्म को है बचाया

आत्मा है तू ही परमात्मा
दुख करे दूर तू तू ही सुने प्रार्थना
तू ही है तुम लोगों से वो
रक्षा करे जो सारे जहाँ की
तूने ही तो आके मिट्टी में मिलाया
धरा पे जो पापी कोई आया

तेरे सिवा हमारा कोई ना
तेरे जैसा सहारा कोई ना है
तूने ही धर्म को बचाया