SON MACHHARI

The song captures the essence of rural life, highlighting the villagers' close relationship with nature and their environment. Through its vibrant music and evocative lyrics, "Son Machhari" brings to life the simple pleasures and communal activities that define the cultural fabric of Chhattisgarh. It is a testament to the region's rich musical heritage and its ability to convey the beauty and joy of everyday rural life. The song is often enjoyed at cultural events and gatherings, where its melodic and joyful tone encourages people to celebrate their traditions and community spirit. "Son Machhari" remains a beloved piece of Chhattisgarhi folk music, cherished for its authenticity and cultural resonance.

Song Details
Composer
Lyricist
Singer,
Album
Record LabelN. V Entertainment
Song Release Year
Song Links
SON MACHHARI Lyrics in Chhattisgarhi

मन के समुंदर म तौरत हस
जइसे कमल संग पानी

मन के समुंदर म तौरत हस
जइसे कमल संग पानी
तोर बिना जीना मुश्किल हे
तही हा मोर जिनगानी

तै मोर आसा मै तोर प्यासा
तही हावस मोर सोनमछरी

सोनमछरी वो रानी सोनमछरी
सोनमछरी वो रानी सोनमछरी
सोनमछरी वो रानी सोनमछरी
सोनमछरी वो रानी सोनमछरी

मन के समुंदर म तौरत हस
जइसे कमल संग पानी
तोर बिना जीना मुश्किल हे
तही हा मोर जिनगानी

तै मोर आसा मै तोर सांसा
मै ही तो हावव रे सोनमछरी

सोनमछरी रे राजा सोनमछरी
सोनमछरी रे राजा सोनमछरी

सोनमछरी वो रानी सोनमछरी
सोनमछरी रे रानी सोनमछरी

मै तोर राजा तै मोर रानी
तही ह मोर फुलकैना

का जादू मंतर मार देहे तै
नींद नई आवय ना चैना

मन म समागे अंतस म छागे
तैही हावस वो पान कतरी

सोनमछरी वो रानी सोनमछरी
सोनमछरी वो रानी सोनमछरी

सोनमछरी रे राजा सोनमछरी

एसो लगन म राजा रे
तै हा गड़ालेना मड़वा

ले जाहू तोला डोली म
डीजे बजाहू बाजा गड़वा

पानी गिरे चाहे आगी बरस जाए
बनजाहू मै हा तोर छतरी

सोनमछरी रे राजा सोनमछरी

सोनमछरी वो रानी सोनमछरी
सोनमछरी वो रानी सोनमछरी

सोनमछरी रे राजा सोनमछरी

मन के समुंदर म तौरत हस
जइसे कमल संग पानी
तोर बिना जीना मुश्किल हे
तही हा हावस जिनगानी

तै मोर आसा मै तोर सांसा
मै ही तो हावव रे सोनमछरी

सोनमछरी वो रानी सोनमछरी
सोनमछरी वो रानी सोनमछरी

सोनमछरी रे राजा सोनमछरी

सोनमछरी सोनमछरी सोनमछरी