Son Ke Nathani is a beloved Chhattisgarhi folk song that celebrates the vibrant culture and traditions of Chhattisgarh. With its rich, melodic composition and traditional instrumentation, the song captures the joyous spirit of rural life. The lyrics, centered around the imagery of a golden nose ring, symbolize beauty and festivity, making the song a popular choice for weddings and cultural celebrations. "Son Ke Nathani" resonates with themes of love, happiness, and togetherness, inviting listeners to partake in the dance and merriment. This song is a testament to the enduring cultural heritage of Chhattisgarh, cherished by locals for its authenticity and emotional depth.
Composer | Manoj Yadav |
Lyricist | Chandan Deep |
Singer | Diman Sen,Kanchan Joshi |
Album | Kanchan Joshi, Diman Sen |
Record Label | Creative Vision |
Song Release Year |
मोर बर ले देना राजा
मोर बर ले देना राजा
लाली लुगरा रुनझुन पैरी
सोन के नथनी
मोर बर ले देना राजा
लाली लुगरा रुनझुन पैरी
सोन के नथनी
बढ़ कंजूस हस मोर मयारू
बढ़ कंजूस हस मोर मयारू
का काम बुता बर बिहाये हस
मोर बर ले देना राजा
लाली लुगरा रुनझुन पैरी
सोन के नथनी
मोर बर ले देना राजा
लाली लुगरा रुनझुन पैरी
सोन के नथनी
मेला लेजाना मोला
गुपचुप खावादे
कोको कोला पिलादे न गा
संग मा अपन झुला झुलाके
फिलिम दिखादे न गा
पाँव के बिछिया
कमर करधनिया
चुरी फुंदरी लेवादे न गा
तोर मया के सोलहा सिंगार म
मोला सजादेना गा
बढ़ कंजूस हस मोर मयारू
बढ़ कंजूस हस मोर मयारू
का काम बुता बर बिहाये हस
मोर बर ले देना राजा
लाली लुगरा रुनझुन पैरी
सोन के नथनी
मोर बर ले देना राजा
लाली लुगरा रुनझुन पैरी
सोन के नथनी
सगा संगवारी अपन दाई बर
जेब मा पैसा रखथस न
सगा संगवारी अपन दाई बर
जेब मा पैसा रखथस न
नाचचुन टिकली बर कहिथो त
फैसन सजाथस कहिथस
नई चाही मोला महल अटारी
नई चाही मोटर गाड़ी
तोर बर में ह सजथो सवरथो
सजादे न संगवारी
बढ़ कंजूस हस मोर मयारू
बढ़ कंजूस हस मोर मयारू
का काम बुता बर बिहाये हस
तोर बर ले देहु रानी
लाली लुगरा रुनझुन पैरी
सोन के नथनी
तोर बर ले देहु रानी
लाली लुगरा रुनझुन पैरी
सोन के नथनी