The instrumental arrangement features classical instruments like the harmonium and tabla, adding a rich and authentic texture to the song. Each note of "Piya Haji Ali" exudes a sense of peace and devotion, making it a perfect meditative piece. The harmonious vocals of Rahman, combined with the Mustafa brothers' soulful singing, elevate the song to a divine level, capturing the essence of spiritual longing and devotion.
Composer | A. R. Rahman |
Lyricist | Miyan Shaukat Ali |
Singer | A. R. Rahman,Shrinivas,Murtujha Gulam M.,Kadar Gulam M. |
Album | Fiza |
Record Label | Tips Industries Ltd |
Song Release Year |
खुदा अपने वलियों
से होता है राज़ी
मिलेगी ये दर से
हमें सरफ़राज़ी
यहाँ दिल से मांगो
ये हाजी अली हैं
खुदा के वली हैं
शाह इ समन्दर इब्न ए हैदर
शाह इ समन्दर इक नज़र
पिया हाजी अली पिया हाजी अली
पिया हाजी अली पिया हो
पिया हाजी अली पिया हाजी अली
पिया हाजी अली पिया हो
तुम समंदर के धनि
बाबा हाजी अली बाबा
हाजी अली बाबा हाजी अली
तुम समंदर के धनि
बाबा हाजी अली बाबा हाजी अली
है तुम्हारा दर दर
मुस्तफ़ा दर मुर्तज़ा मरहबा
पिया हाजी अली पिया हाजी अली
पिया हाजी अली पिया हो
पिया हाजी अली पिया हाजी अली
पिया हाजी अली पिया हो
नूर वाले नूर वाले
भोले भाले भोले भाले
नूर वाले नूर वाले
साया सब पे डाल दे
पिया हाजी अली पिया हाजी अली
पिया हाजी अली पिया हो
पिया हाजी अली पिया हाजी अली
पिया हाजी अली पिया हो
पिया हाजी अली पिया हाजी अली
पिया हाजी अली पिया हाजी अली
यहां हिन्दू मुस्लिम
सिख इसाई फैज़ पाते हैं
यहां हिन्दू मुस्लिम
सिख इसाई फैज़ पाते हैं
ये समन्दर रोज़ दर
पे देता है पहरा
है सरापा नूर
वाला आपका चेहरा
पिया हाजी अली पिया हाजी अली
पिया हाजी अली पिया हो
पिया हाजी अली पिया हाजी अली
पिया हाजी अली पिया हो
दो मोहम्मद मुस्तफा
के नाम का साद का
दे दो नाम का साद का
दो मोहम्मद मुस्तफा
के नाम का साद का
दे दो नाम का साद का
कोई भी मायूस इस
दर से नहीं लौटा
बाबा कोई नहीं लौटा
किसके दिल में क्या छुपा है
सब तुम्हें मालूम है
किसके दिल में क्या छुपा है
सब तुम्हें मालूम है
आपके फैज़ ओ करम भी
अर्श पर भी धूम है
बाबा हाजी अली बाबा हाजी अली
सुनो हम गरीबों की
इल्तिजा हम पर करम कीजै
पिया हाजी अली पिया हाजी अली
पिया हाजी अली पिया हो
पिया हाजी अली पिया हाजी अली
पिया हाजी अली पिया हो
आप पर सारी खुदाई
नाज़ करती है
बाबा नाज़ करती है
बिगड़ी किस्मत आपके
दर पर संवरती है