The lyrics, penned by Sayeed Quadri, eloquently express the pain of separation and the hope of rekindling a lost romance. The ghazal-style composition, with its intricate melodic structure and heartfelt lyrics, adds a timeless quality to the song. The subtle orchestration, featuring soft rock and lounge elements, enhances the overall listening experience, making it a perfect song for moments of introspection and solitude.
Composer | Pritam |
Lyricist | Sayeed Quadri |
Singer | Arijit Singh |
Album | Barfi |
Record Label | Sony Music Entertainment India Pvt. Ltd. |
Song Release Year |
फिर ले आया दिल मजबूर क्या कीजे
रास न आया रेहना दूर क्या कीजे
दिल कह रहा उसे मकम्मल कर भी आओ
वो जो अधूरी सी बात बाकी है
वो जो अधूरी सी याद बाकी है
वो जो अधूरी सी याद बाकी है
करते हैं हम आज क़बूल क्या कीजे
हो गयी थी जो हमसे भूल क्या कीजे
दिल कह रहा उसे मयस्सर कर भी आओ
वो जो दबी सी आस बाकी है
वो जो दबी सी आंच बाकी है
वो जो दबी सी आंच बाकी है
वो जो दबी सी… आंच बाकी है
किस्मत को है यह मंज़ूर क्या कीजे
किस्मत को है यह मंज़ूर क्या कीजे
किस्मत को है यह मंज़ूर क्या कीजे
मिलते रहे हम बदस्तूर क्या कीजे
दिल कह रहा है उसे मुसलसल कर भी आओ
वो जो रुकी सी राह बाकी है
वो जो रुकी सी चाह बाकी है
वो जो रुकी सी चाह बाकी है
वो जो रुकी.. सी चाह बाकी है..