With its captivating melody and heartfelt lyrics, the song beautifully captures the emotions of love and longing. Asha Bhosle’s sweet, lilting voice complements Mohammed Rafi’s soulful and powerful rendition, creating a harmonious blend that touches the hearts of listeners. The orchestration is rich with traditional Indian instruments, adding depth and warmth to the song. The lyrical beauty is enhanced by the expressive singing, making it a quintessential Bollywood romantic track.
Composer | Rahul Dev Burman |
Lyricist | Majrooh Sultanpuri |
Singer | Mohd.Rafi,Asha Bhosle |
Album | Teesri Manzil |
Record Label | Saregama India Ltd. |
Song Release Year |
ओ मेरे सोना रे, सोना रे, सोना रे
दे दूंगी जान जुदा मत होना रे
मैंने तुझे ज़रा देर में जाना
हुआ कुसूर खफ़ा मत होना रे
मैंने तुझे ज़रा देर में जाना
हुआ कुसूर खफ़ा मत होना रे
ओ मेरे सोना रे, सोना रे, सोना रे
ओ मेरी बाँहों से निकलके
तू अगर मेरे रस्ते से हट जाएगा
तो लहराके, हो बलखाके
मेरा साया तेरे तन से लिपट जाएगा
तुम छुड़ाओ लाख दामां
छोड़ते हैं कब ये अरमां
कि मैं भी साथ रहूँगी, रहोगे जहाँ
ओ मेरे सोना रे, सोना रे, सोना रे
दे दूंगी जान जुदा मत होना रे
मैंने तुझे ज़रा देर में जाना
हुआ कुसूर खफ़ा मत होना रे ओ मेरे सोना रे, सोना रे, सोना
ओ मियां हमसे न छिपाओ
वो बनावट की सारी अदाएं लिये
कि तुम इसपे हो इतराते
कि मैं पीछे हूँ सौ इल्तिज़ाएं लिये
जी मैं खुश हूँ, मेरे सोना
झूठ है क्या, सच कहो ना
कि मैं भी साथ रहूँगी, रहोगे जहाँ
ओ मेरे सोना रे, सोना रे, सोना रे
दे दूंगी जान जुदा मत होना रे
मैंने तुझे ज़रा देर में जाना
हुआ कुसूर खफ़ा मत होना रे
ओ मेरे सोना रे, सोना रे, सोना
ओ फिर हमसे न उलझना
नहीं लट और उलझन में पड़ जाएगी
ओ पछताओगी कुछ ऐसे
कि ये सुरखी लबों की उतर जाएगी
ये सज़ा तुम भूल न जाना
प्यार को ठोकर मत लगाना
के चला जाऊंगा फिर मैं न जाने कहाँ
ओ मेरे सोना रे, सोना रे, सोना रे
दे दूंगी जान जुदा मत होना रे
मैंने तुझे ज़रा देर में जाना
हुआ कुसूर खफ़ा मत होना रे
मैंने तुझे ज़रा देर में जाना
हुआ कुसूर खफ़ा मत होना रे