O Haseena Zulfonwali Jaane Jahan

O Haseena Zulfonwali Jaane Jahan remains a beloved track in Bollywood’s musical legacy, celebrated for its timeless appeal and ability to bring joy and excitement to any gathering. It is a testament to the enduring magic of Asha Bhosle and Mohammed Rafi’s collaborative genius, ensuring its place as an evergreen favorite in the hearts of music lovers.

Song Details
Composer
Lyricist
Singer,
Album
Record LabelSaregama India Ltd.
Song Release Year
O Haseena Zulfonwali Jaane Jahan Lyrics in Hindi

ओ हसीना ज़ुल्फ़ों वाली जान-ए-जहां
ढूँढती हैं काफ़िर आँखें किसका निशां
ओ हसीना ज़ुल्फ़ों वाली जान-ए-जहां
ढूँढती हैं काफ़िर आँखें किसका निशां
महफ़िल महफ़िल ऐ शमा फिरती
हो कहाँ महफ़िल महफ़िल ऐ शमा फिरती हो कहाँ

वो अन्जाना ढूँढती हूँ
वो दीवाना ढूँढती हूँ
जलाकर जो छिप गया है
वो परवाना ढूँढती हूँ

गर्म है, तेज़ है, ये निगाहें मेरी
काम आ जाएँगी सर्द आहें मेरी
हे तुम किसी राह में तो मिलोगे कहीं
अरे इश्क़ हूँ, मैं कहीं ठहरता ही नहीं

मैं भी हूँ गलियों की परछाई
कभी यहाँ कभी वहाँ
शाम ही से कुछ हो जाता है
मेरा भी जादू जवां

ओ हसीना ज़ुल्फ़ों वाली जान-ए-जहां
ढूँढती हैं काफ़िर आँखें किसका निशां
महफ़िल महफ़िल ऐ शमा फिरती हो कहाँ
महफ़िल महफ़िल ऐ शमा फिरती हो कहाँ

वो अन्जाना ढूँढती हूँ
वो दीवाना ढूँढती हूँ
जलाकर जो छिप गया है
वो परवाना ढूँढती हूँ

छिप रहे हैं ये क्या ढंग है आपका
आज तो कुछ नया रंग है आपका
हाय आज की रात मैं क्या से क्या हो गयी
आहा आपकी सादगी तो भला हो गयी

मैं भी हूँ गलियों की परछाई
कभी यहाँ कभी वहाँ
शाम ही से कुछ हो जाता है
मेरा भी जादू जवां

ओ हसीना ज़ुल्फ़ों वाली जान-ए-जहां
ढूँढती हैं काफ़िर आँखें किसका निशां
महफ़िल महफ़िल ऐ शमा फिरती हो कहाँ
महफ़िल महफ़िल ऐ शमा फिरती हो कहाँ

वो अन्जाना ढूँढती हूँ
वो दीवाना ढूँढती हूँ
जलाकर जो छिप गया है
वो परवाना ढूँढती हूँ

ठहरिये तो सही कहिये क्या नाम है
मेरी बदनामियों का वफ़ा नाम है
ओहो क़त्ल कर के चले ये वफ़ा खूब है
हाय नादां तेरी ये अदा खूब है

मैं भी हूँ गलियों की परछाई
कभी यहाँ कभी वहाँ
शाम ही से कुछ हो जाता है
मेरा भी जादू जवां

ओ हसीना ज़ुल्फ़ों वाली जान-ए-जहां
ढूँढती हैं काफ़िर आँखें किसका निशां
महफ़िल महफ़िल ऐ शमा फिरती हो कहाँ
महफ़िल महफ़िल ऐ शमा फिरती हो कहाँ

वो अन्जाना ढूँढती हूँ
वो दीवाना ढूँढती हूँ
जलाकर जो छिप गया है
वो परवाना ढूँढती हूँ