The song's pulsating beats and energetic choreography make it a favorite during festive celebrations, especially Navratri. "Nagada Sang Dhol" is celebrated for its cultural authenticity and cinematic grandeur, capturing the essence of traditional Indian festivities.
Composer | Amitabh Bhattacharya |
Lyricist | Garima,Siddharth |
Singer | Osman Mir,Shreya Ghoshal |
Album | Goliyon Ki Raasleela Ram-Leela |
Record Label | Eros Now Music |
Song Release Year |
हे धिन तड़ाक धिन तड़ाक
आजा उड़ के सरात
पैरों से बड़ी ज़रा खोल
नगाड़ा संग ढोल बाजे, ढोल बाजे
धांय धांय धम धम धांय
नगाड़ा संग ढोल बाजे, ढोल बाजे
धांय धांय धांय धम धांय
हे धिन तड़ाक धिन तड़ाक
आजा उड़ के सरात
पैरों से बड़ी ज़रा खोल
नगाड़ा संग ढोल बाजे, ढोल बाजे
धांय धांय धम धम धांय
नगाड़ा संग ढोल बाजे, ढोल बाजे
धांय धांय धांय धम धांय
रे खट खट, हाँ खट खट
बाजे दस्तक वो ना अब तक आया
रे तब से हाँ तब से, हाँ देखे राहें
की अब तू खोल बाहें आज
उमड़-घुमड़ घूमें, रे मचले रे मोरा मन
गूंजे रे बालम के बोल
नगाड़ा संग ढोल बाजे, ढोल बाजे
धांय धांय धम धम धांय
नगाड़ा संग ढोल बाजे, ढोल बाजे
धांय धांय धांय धम धांय
हे धिन तड़ाक धिन तड़ाक
आजा उड़ के सरात
पैरों से बड़ी ज़रा खोल
नगाड़ा संग ढोल बाजे ढोल बाजे
धांय धांय धम धम धांय
नगाड़ा संग ढोल बाजे, ढोल बाजे
धांय धांय धांय धम धांय
लीली लेमडी रे
लीलो नगरवेल नो छोड़
प्रभु परोध ना रे
मार घेर उत्तारा करता जाओ
उतारो नहीं करूं रे
मार घेर सीता जुवे वाट
सीता एकला रे जुवे राम-लखमन नि वाट
ओ पल-पल रे पल-पल बीतता जल-जल
नाच अब चल आजा
रे थर-थर थर-थर, हाँ काँपे थर-थर
हां डर-डर जी से डर अब ना ना
बागों में बोला, बोला रे बोला
मोरे बदला रे दिल का भूगोल
नगाड़ा संग ढोल बाजे, ढोल बाजे
धांय धांय धम धम धांय
नगाड़ा संग ढोल बाजे, ढोल बाजे
धांय धांय धांय धम धांय
हे धिन तड़ाक धिन तड़ाक
आजा उड़ के सरात
पैरों से बड़ी ज़रा खोल
नगाड़ा संग ढोल बाजे, ढोल बाजे
धांय धांय धम धम धांय
नगाड़ा संग ढोल बाजे, ढोल बाजे
धांय धांय धांय धम धांय
नगाड़ा संग ढोल बाजे, ढोल बाजे
धांय धांय धम धम धांय
नगाड़ा संग ढोल बाजे, ढोल बाजे
धांय धांय धांय धम धांय
नगाड़ा संग ढोल बाजे, ढोल बाजे
धांय धांय धम धम धांय
नगाड़ा संग ढोल बाजे, ढोल बाजे
धांय धांय धांय धम धांय
लीली लेमडी रे
लीलो नगरवेल नो छोड़
प्रभु परोध ना रे
मार घेर उत्तारा करता जाओ
उतारो नहीं करूं रे
मार घेर सीता जुवे वाट
सीता एकला रे जुवे राम-लखमन नि वाट
हे
ढोल बाजे