The song beautifully portrays the emotions of love and longing, capturing the essence of unrequited affection and the yearning for reciprocation. Udit Narayan's velvety vocals blend seamlessly with Shreya Ghoshal's pristine tonality, creating a harmonious narrative of love's complexities and hopes.
Composer | Ravindra Jain |
Lyricist | Ravindra Jain |
Singer | Udit Narayan,Shreya Ghoshal |
Album | Vivah |
Record Label | Rajshri |
Song Release Year |
मुझे हक़ है
तुझको जी भर के मैं देखूँ मुझे हक़ है
बस यूँ ही देखता जाऊँ मुझे हक़ है
पिया, पिया...
पिया, पिया बोले मेरा जिया तुम्हें हक़ है
तुम्हें हक़ है
तुम्हें हक़ है
ढल रही, पिघल रही ये रात धीरे-धीरे
बढ़ रही है प्यार की बात धीरे-धीरे
चूड़ियाँ गुनगुना के क्या कहे सजना
ये चूड़ियाँ गुनगुना के क्या कहे सजना
रात की रात जगाऊँ मुझे हक़ है
चाँद पूनम का चुराऊँ मुझे हक़ है
पिया, पिया...
पिया, पिया बोले मेरा जिया तुम्हें हक़ है
तुम्हें हक़ है
तुम्हें हक़ है
कल सुबह तुझसे मैं दूर चला जाऊँगा
एक पल को भी तुझे भूल नहीं पाऊँगा
ये चेहरा, ये मुस्कान आँखों में भर के
ये चेहरा, ये मुस्कान आँखों में भर के
मैं तेरी याद में तड़पूँ मुझे हक़ है
तुझसे मिलने को मैं तरसूँ मुझे हक़ है
पिया, पिया...
पिया, पिया बोले मेरा जिया तुम्हें हक़ है
तुम्हें हक़ है
तुम्हें हक़ है
मुझे हक़ है
तुम्हें हक़ है