Maarbo Re Sugva Dhanukh Se is a dynamic Bhojpuri folk song that brings to life the playful and competitive spirit of rural Bhojpuri culture. The song's lively and rhythmic melody, supported by traditional instruments like the dholak, harmonium, and tabla, creates an engaging and energetic atmosphere. The lyrics, rich with local dialect and cultural references, depict a hunting scene where the protagonist aims to shoot a bird (sugva) with a bow (dhanukh). This playful narrative is a reflection of the rural lifestyle and the traditional practices that are an integral part of Bhojpuri culture.
Composer | Surinder Kohli |
Lyricist | Traditional |
Singer | Anuradha Paudwal |
Album | Chhath Pooja Ke Geet |
Record Label | T-Series |
Song Release Year |
नारियलवा जे फरेला खबद से,
ओह पर सुगा मेड़राए,
ओह पर सुगा मेड़राए,
ऊ जे ख़बरी जनैबो अदित से,
सुगा दिहली जुठियाय,
सुगा दिहली जुठियाय ॥
ऊ जे मारबो रे सुगवा धनुख से,
सुगा गिरे मुरझाए,
सुगा गिरे मुरझाए ॥
ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से,
ओह पर सुगा मेड़राए,
ओह पर सुगा मेड़राए,
ऊ जे ख़बरी जनैबो अदित से,
सुगा दिहली जुठियाय,
सुगा दिहली जुठियाय ॥
ऊ जे मारबो रे सुगवा धनुख से,
सुगा गिरे मुरझाए,
सुगा गिरे मुरझाए ॥
अमरुदवा जे फरेला खबद से,
ओह पर सुगा मेड़राए,
ओह पर सुगा मेड़राए,
ऊ जे ख़बरी जनैबो अदित से,
सुगा दिहली जुठियाय,
सुगा दिहली जुठियाय ॥
ऊ जे मारबो रे सुगवा धनुख से,
सुगा गिरे मुरझाए,
सुगा गिरे मुरझाए ॥
ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से,
ओह पर सुगा मेड़राए,
ओह पर सुगा मेड़राए,
ऊ जे ख़बरी जनैबो अदित से,
सुगा दिहली जुठियाय,
सुगा दिहली जुठियाय ॥
ऊ जे मारबो रे सुगवा धनुख से,
सुगा गिरे मुरझाए,
सुगा गिरे मुरझाए ॥
सभे फलवा जे फरेलन खबद से,
ओह पर सुगा मेड़राए,
ओह पर सुगा मेड़राए,
ऊ जे ख़बरी जनैबो अदित से,
सुगा दिहली जुठियाय,
सुगा दिहली जुठियाय ॥
ऊ जे मारबो रे सुगवा धनुख से,
सुगा गिरे मुरझाए,
सुगा गिरे मुरझाए ॥
ऊ जे सुगनी जे रोवेली वियोग से,
आदित होई ना सहाय,
आदित होई ना सहाय,
आदित होई ना सहाय,
देव होई ना सहाय,
आदित होई ना सहाय,
देव होई ना सहाय ॥
नारियलवा जे फरेला खबद से,
ओह पर सुगा मेड़राए,
ओह पर सुगा मेड़राए,
ऊ जे ख़बरी जनैबो अदित से,
सुगा दिहली जुठियाय,
सुगा दिहली जुठियाय ॥