It captures the emotions of a lover writing a letter to his beloved, expressing his deep affection and longing. Rafi's soulful rendition and the soft, soothing melody make this song an evergreen classic. The lyrics paint a vivid picture of love, capturing the essence of romantic yearning and the beauty of expressing feelings through written words.
Composer | Shankar Singh Raghuvanshi,Jaikishan Dayabhai Panchal |
Lyricist | Gopaldas Saxena |
Singer | Mohd.Rafi |
Album | Kanyadaan |
Record Label | Saregama India Ltd. |
Song Release Year |
लिखे जो ख़त तुझे, वो तेरी याद में
हज़ारों रंग के नज़ारे बन गए
लिखे जो ख़त तुझे, वो तेरी याद में
हज़ारों रंग के नज़ारे बन गए
सवेरा जब हुआ तो फूल बन गए
जो रात आई तो सितारे बन गए
लिखे जो ख़त तुझे...
कोई नग़मा कही गूँजा, कहा दिल ने ये तू आई
कहीं चटकी कली कोई, मैं ये समझा तू शरमाई
कोई ख़ुशबू कहीं बिखरी, लगा ये ज़ुल्फ़ लहराई
लिखे जो ख़त तुझे, वो तेरी याद में
हज़ारों रंग के नज़ारे बन गए
सवेरा जब हुआ तो फूल बन गए
जो रात आई तो सितारे बन गए
लिखे जो ख़त तुझे...
फ़िज़ा रंगीं, अदा रंगीं, ये इठालाना, ये शरमाना
ये अंगड़ाई, ये तनहाई, ये तरसाकर चले जाना
बना देगा नहीं किस को जवाँ जादू ये दीवाना
लिखे जो ख़त तुझे, वो तेरी याद में
हज़ारों रंग के नज़ारे बन गए
सवेरा जब हुआ तो फूल बन गए
जो रात आई तो सितारे बन गए
लिखे जो ख़त तुझे...
जहाँ तू है वहाँ मैं हूँ, मेरे दिल की तू धड़कन है
मुसाफ़िर मैं, तू मंज़िल है, मैं प्यासा हूँ, तू सावन है
मेरी दुनियाँ ये नज़रे हैं, मेरी जन्नत ये दामन है
लिखे जो ख़त तुझे, वो तेरी याद में
हज़ारों रंग के नज़ारे बन गए
सवेरा जब हुआ तो फूल बन गए
जो रात आई तो सितारे बन गए
लिखे जो ख़त तुझे...