Jaam Woh Hai Jo Bhar Ke, performed by the legendary playback singer Kumar Sanu, is a quintessential Bollywood romantic song that epitomizes the carm of love and celebration. This track, hailing from the golden era of the 90s, features Kumar Sanu's melodious and soulful voice that effortlessly captures the essence of romance and joy. The song’s lyrics, brimming with poetic expressions of love and togetherness, resonate deeply with listeners, making it an enduring favorite.
Composer | Shravan,Nadeem |
Lyricist | Sameer |
Singer | Kumar Sanu |
Album | Sainik |
Record Label | Tips Industries Ltd |
Song Release Year |
जाम वो है जो भर के
छलकता है, छलकता है
जाम वो है जो भर के
छलकता है, छलकता है
प्यार वो है जो आँखों से
झलकता है, झलकता है
जाम वो है जो भर के
छलकता है, छलकता है
प्यार वो है जो आँखों से
झलकता है, झलकता है
जाम वो है जो भर के
छलकता है, छलकता है
लहरों को कभी ना छुपा पायेगा समंदर
लहरों को कभी ना छुपा पायेगा समंदर
रौशनी कभी ना छुपेगी शमा के अन्दर
रौशनी कभी ना छुपेगी शमा के अन्दर
चेहरा खामोश आईने में उतर जाएगा
रंग खुशबु का हवाओ में बिखर जाएगा
हो बिखर जाएगा
फूल वो है जो खिल के
महकता है, महकता है
फूल वो है जो खिल के
महकता है, महकता है
प्यार वो है जो आँखों से
झलकता है, झलकता है
जाम वो है जो भर के
छलकता है, छलकता है
प्यार की चाहत की नई रौशनी दिखने
प्यार की चाहत की नई रौशनी दिखने
आया हूँ दिलो से मैं नफरतें मिटाने
आया हूँ दिलो से मैं नफरतें मिटाने
सारी दुनिया से तों हम दोस्ती निभाएंगे
प्यार का गीत सारी उम्र गुनगुनायेंगे
हो गुनगुनायेंगे
साज वो है जो नगमो पे
खनकता है, खनकता है
साज वो है जो नगमो पे
खनकता है, खनकता है
प्यार वो है जो आँखों से
झलकता है, झलकता है
जाम वो है जो भर के
छलकता है, छलकता है
प्यार वो है जो आँखों से
झलकता है, झलकता है
जाम वो है जो भर के
छलकता है, छलकता है