Gheri Beri is an exuberant Chhattisgarhi folk song that captures the essence of social gatherings and festive celebrations in the rural landscapes of Chhattisgarh. The song's upbeat and rhythmic melody, supported by traditional instruments like the dholak, harmonium, and flute, creates a lively and engaging atmosphere. The playful lyrics, rich with local dialect and cultural references, depict the joy and camaraderie of village life, where community members come together to celebrate and partake in communal activities.
Composer | Sunil Soni,Navaldas Manikpuri |
Lyricist | Rakesh Chauhan |
Singer | Sunil Soni |
Album | Mar Dare Maya Ma |
Record Label | Aarug Music |
Song Release Year |
हो …. तोर बिना मन नई माने ओ
मोर मया ल तैं नई जाने ओ
मोला तैं अपन बनाले ओ
मन म मया तोरे जगाले ओ
तोर से बंधागे मया डोर
सपनाथंव तोला घेरी बेरी घेरी बेरी ओ
सपनाथंव तोला घेरी बेरी घेरी बेरी ओ
तरसाये मोला घेरी बेरी घेरी बेरी ओ
तड़पाये मोला घेरी बेरी घेरी बेरी ओ
हो …. जब जब देखव चेहरा ल तोर
झुमर के नाच जाथे मन ह मोर
हां तोर बिन जिनगी म कुछु नई हे मोर
आके मोर जिनगी ल कर दे अंजोर
हां …. जब जब देखव चेहरा ल तोर
झुमर के नाच जाथे मन ह मोर
हां तोर बिन जिनगी म कुछु नई हे मोर
आके मोर जिनगी ल कर दे अंजोर
मन ह मारथे हिलोर मन ह मारथे हिलोर
तरसाये मोला घेरी बेरी घेरी बेरी ओ
तड़पाये मोला घेरी बेरी घेरी बेरी ओ
चंदा ल ताके जईसे चकोर
ओसने हाल गोरी होगे हे मोर
हां मन के पीरा भारी हे मोर
सुध सगरी म मैं बुड़ें रथों तोर
तोर से बंधागे मया डोर
तोर से बंधागे मया डोर
सपनाथंव तोला घेरी बेरी घेरी बेरी ओ
सपनाथंव तोला घेरी बेरी घेरी बेरी ओ
तरसाये काबर घेरी बेरी घेरी बेरी ओ
तड़पाये काबर घेरी बेरी घेरी बेरी ओ
सपनाथंव तोला घेरी बेरी घेरी बेरी ओ
सपनाथंव तोला घेरी बेरी घेरी बेरी ओ