The song's gentle melody and heartfelt lyrics beautifully convey the innocence and joy of falling in love at first sight. Udit Narayan's soothing voice adds a layer of warmth and sincerity, making the listener feel the butterflies of a budding romance.
Composer | Rajesh Roshan |
Lyricist | Javed Akhtar |
Singer | Udit Narayan |
Album | Papa Kahte Hain |
Record Label | T-Series |
Song Release Year |
घर से निकलते ही, कुछ दूर चलते ही
रस्ते में है उसका घर
कल सुबह देखा तो बाल बनाती वो
खिड़की में आई नज़र
घर से निकलते ही, कुछ दूर चलते ही
रस्ते में है उसका घर
कल सुबह देखा तो बाल बनाती वो
खिड़की में आई नज़र
घर से निकलते ही...
मासूम चेहरा, नीची निगाहें
भोली सी लड़की, भोली अदाएँ
ना अप्सरा है, ना वो परी है
लेकिन ये उसकी जादूगरी है
दीवाना कर दे वो, इक रंग भर दे वो
शरमा के देखे जिधर
घर से निकलते ही, कुछ दूर चलते ही
रस्ते में है उसका घर
करता हूँ उसके घर के मैं फेरे
हँसने लगे हैं अब दोस्त मेरे
सच कह रहा हूँ, उसकी क़सम है
मैं फिर भी ख़ुश हूँ, बस एक ग़म है
जिसे प्यार करता हूँ, मैं जिस पे मरता हूँ
उसको नहीं है ख़बर
घर से निकलते ही, कुछ दूर चलते ही
रस्ते में है उसका घर
लड़की है जैसे कोई पहेली
कल जो मिली मुझको उसकी सहेली
मैंने कहा उसको जाके ये कहना
"अच्छा नहीं है यूँ दूर रहना"
कल शाम निकले वो घर से टहलने को
मिलना जो चाहे अगर
घर से निकलते ही, कुछ दूर चलते ही
रस्ते में है उसका घर
कल सुबह देखा तो बाल बनाती वो
खिड़की में आई नज़र