Dard E Dil Darde Jigar

Dard-E-Dil Dard-E-Jigar is a quintessential Bollywood classic from the movie "Karz" (1980), immortalized by the legendary playback singer Mohammed Rafi. This song epitomizes the golden era of Bollywood music, with its soulful melody and poignant lyrics resonating deeply with listeners. Composed by the renowned duo Laxmikant-Pyarelal and penned by Anand Bakshi, the song beautifully conveys the themes of love and heartache. Mohammed Rafi's emotive voice breathes life into the heartfelt lyrics, making it an enduring favorite among fans of romantic ballads.

Song Details
Composer,
Lyricist
Singer
Album
Record LabelSaregama India Ltd.
Song Release Year
Dard E Dil Darde Jigar Lyrics in Hindi

दर्द-ए-दिल, दर्द-ए-जिगर
दिल में जगाया आपने
दर्द-ए-दिल, दर्द-ए-जिगर
दिल में जगाया आपने

पहले तो मैं शायर था
पहले तो मैं शायर था
आशिक बनाया आपने
दर्द-ए-दिल, दर्द-ए-जिगर
दिल में जगाया आपने
दर्द-ए-दिल, दर्द-ए-जिगर
दिल में जगाया आपने

आपकी मदहोश नज़रें
कर रही हैं शायरी
आपकी मदहोश नज़रें
कर रही हैं शायरी
ये ग़ज़ल मेरी नहीं
ये ग़ज़ल है आपकी

मैंने तो बस वो लिखा
जो कुछ लिखाया आपने
दर्द-ए-दिल, दर्द-ए-जिगर
दिल में जगाया आपने
दर्द-ए-दिल, दर्द-ए-जिगर
दिल में जगाया आपने

कब कहाँ सब खो गयी
जितनी भी थी परछाईयाँ
उठ गयी यारों की महफ़िल
हो गयी तन्हाईयाँ
कब कहाँ सब खो गयी
जितनी भी थी परछाईयाँ
उठ गयी यारों की महफ़िल
हो गयी तन्हाईयाँ

क्या किया शायद कोई
पर्दा गिराया आपने
दर्द-ए-दिल, दर्द-ए-जिगर
दिल में जगाया आपने
दर्द-ए-दिल, दर्द-ए-जिगर
दिल में जगाया आपने

और थोड़ी देर में बस
हम जुदा हो जायेंगे
और थोड़ी देर में बस
हम जुदा हो जायेंगे
आपको ढूँढूँगा कैसे
रास्ते खो जायेंगे
नाम तक भी तो नहीं
अपना बताया आपने

दर्द-ए-दिल, दर्द-ए-जिगर
दिल में जगाया आपने
पहले तो मैं शायर था
आशिक बनाया आपने
दर्द-ए-दिल, दर्द-ए-जिगर
दिल में जगाया आपने