The lyrics, penned with poetic elegance, compare the beloved’s face to the radiance of the moon, adding a touch of ethereal beauty to the composition. The musical arrangement, characterized by gentle melodies and soothing orchestration, complements the soulful singing, creating a captivating listening experience. The use of traditional Indian instruments along with subtle Western influences gives the song a rich and layered texture.
Composer | Rahul Dev Burman |
Lyricist | Javed Akhtar |
Singer | Kishore Kumar |
Album | Saagar |
Record Label | Records DK |
Song Release Year |
हो, चेहरा है या चाँद खिला है
ज़ुल्फ़ घनेरी शाम है क्या
सागर जैसी आँखों वाली
ये तो बता तेरा नाम है क्या
चेहरा है या चाँद खिला है
ज़ुल्फ़ घनेरी शाम है क्या
सागर जैसी आँखों वाली
ये तो बता तेरा नाम है क्या
अरे तू क्या जाने तेरी खातिर
कितना है बेताब ये दिल
तू क्या जाने देख रहा है
कैसे कैसे ख्वाब ये दिल
दिल कहता है तू है यहाँ तो
जाता लम्हा थम जाए
वक़्त का दरिया बहते बहते
इस मंज़र में जम जाए
तूने दीवाना दिल को बनाया
इस दिल पर इल्ज़ाम है क्या
सागर जैसी आँखों वाली
ये तो बता तेरा नाम है क्या
हो आज मैं तुझसे दूर सही और
तू मुझसे अंजान सही
तेरा साथ नहीं पाऊं तो खैर
तेरा अरमान सही हो ये अरमां
है शोर नहीं हो खामोशी के
मेले हों इस दुनिया में कोई नहीं हो
हम दोनों ही अकेले हों
तेरे सपने देख रहा हूँ और
मेरा अब काम है क्या
सागर जैसी आँखों वाली
ये तो बता तेरा नाम है क्या
चेहरा है या चाँद खिला है
ज़ुल्फ़ घनेरी शाम है क्या
सागर जैसी आँखों वाली
ये तो बता तेरा नाम है क्या