Chaawat delve into themes of desire, longing, and the complexities of human emotions. They are poetic and evocative, painting a vivid picture of intense feelings and deep emotional landscapes. The song's melody is hauntingly beautiful, with a flowing rhythm that captures the listener's attention and guides them through its emotional journey.
Composer | G.V. Prakash Kumar |
Lyricist | Manoj Muntashir |
Singer | Shreya Ghosal |
Album | Sarfira |
Record Label | Times Music |
Song Release Year |
लाई लाई लाई लाई
लाई लाई लाई लाई
लाई लाई लाई लाई
लाई लाई लाई लाई
लाई लाई लाई लाई
लाई लाई लाई लाई
येदा रे तू येदा है ओये होये
भेजे से तू टेढ़ा है ओये होये
पोरी मैं भी हूँ थोड़ी श्यानी
कोल्हापुर की मैं महारानी
आई शपथ मैं तेरे रंग रंगी
रंगरेजा
तुझे बोली मैं मुझे डोली में
आके लेजा लेजा रे
लेजा मुझे देवा देवा देवा
चावत रे बड़ा चावत तू
आहे मुलगा रे बड़ा चावत तू
ऐ चावत रे बड़ा चावत तू
आहे मुलगा रे बड़ा चावत तू
लायी लायी लायी लायी
लायी लायी लायी लायी
लायी लायी लायी लायी
जंगलों की आग हूँ मैं
आंधियों का राग हूँ मैं
जंगलों की आग हूँ मैं आ मुझे बुझा
आंधियों का राग हूँ मैं गा सके तो गा
देखे क्या दूर से ओ रे छावे
इत्र सा रूमालों में तू मेरे ख्यालों में
बंद हूँ मैं तालों में
तार तार खोल दे मुझे
देवा देवा देवा
चावत रे बड़ा चावत तू
आहे मुलगा रे बड़ा चावत तू
येदा रे तू
भेजे से तू
येदा रे तू
भेजे से तू
चावत रे बड़ा चावत तू
आहे मुलगा रे बड़ा चावत तू
ऐ चावत रे बड़ा चावत तू
आहे मुलगा रे बड़ा चावत तू
लायी लायी लायी लायी
लायी लायी लायी लायी
लायी लायी लायी लायी
लायी लायी लायी लायी
येदा रे तू
भेज से तू
क्यों खड़ा है तू किनारे
नैनों की नदी पुकारे
क्यों खड़ा है तू किनारे सोचता है क्या
नैनों की नदी पुकारे आके डूब जा
देखे क्या घूर के ओह रे छावे
दिल बिका है हाथ तेरे
लूट ले मुझे लूटेरे
जाल फेंक दे मच्छरे
बाज़ूओं में बाँध ले मुझे
देवा देवा देवा
चावत रे