Babul Ka Yeh Ghar Behna

Babul Ka Yeh Ghar Behna, a heart-touching duet by Kishore Kumar and Alka Yagnik, is a timeless Bollywood song that celebrates the emotional bond between siblings. Released in the 80s, the song is revered for its melodious composition and soulful lyrics that resonate with themes of familial love and separation.

Song Details
Composer
Lyricist
Singer,
Album
Record LabelSuper Cassettes Industries Limited
Song Release Year
Babul Ka Yeh Ghar Behna Lyrics in Hindi

बाबुल का ये घर, बहना, कुछ दिन का ठिकाना है
(बाबुल का ये घर, गोरी, कुछ दिन का ठिकाना है)
बन के दुल्हन एक दिन तुझे पिया घर जाना है
(बन के दुल्हन एक दिन तुझे पिया घर जाना है)
(बाबुल का ये घर, गोरी, कुछ दिन का ठिकाना है)

बाबुल, तेरे बगिया की मैं तो वो कली हूँ रे
हो, बाबुल, तेरे बगिया की मैं तो वो कली हूँ रे
छोड़ तेरी बगिया, मुझे घर पिया का सजाना है
क्यूँ छोड़ तेरी बगिया, मुझे घर पिया का सजाना है?

बेटी घर बाबुल के किसी और की अमानत है
बेटी घर बाबुल के किसी और की अमानत है
दस्तूर दुनिया का हम सब को निभाना है
(हाँ, ये दस्तूर दुनिया का हम सब को निभाना है)
(बाबुल का ये घर, गोरी, कुछ दिन का ठिकाना है)

मैया, तेरे आँचल की मैं हूँ कैसी गुड़िया रे
मैया, तेरे आँचल की मैं हूँ कैसी गुड़िया रे
तूने मुझे जनम दिया, तेरा घर क्यूँ बेगाना है?
मैया, तूने मुझे जनम दिया, तेरा घर क्यूँ बेगाना है?

मैया पे क्या बीत रही, बहना, तू ये क्या जाने
मैया पे क्या बीत रही, बहना, तू ये क्या जाने
कलेजे के टुकड़े को रो-रो के भुलाना है
(कलेजे के टुकड़े को रो-रो के भुलाना है)
(बाबुल का ये घर, गोरी, कुछ दिन का ठिकाना है)

भैया, तेरे अंगना की मैं हूँ ऐसी चिड़िया रे
हो, भैया, तेरे अंगना की मैं हूँ ऐसी चिड़िया रे
रात-भर बसेरा है, सुबह उड़ जाना है
रात-भर बसेरा है, सुबह उड़ जाना है

यादें तेरे बचपन की हम सब को रुलाएँगी
यादें तेरे बचपन की हम सब को रुलाएँगी
फिर भी तेरी डोली को काँधा तो लगाना है
बहना, तेरी डोली को काँधा तो लगाना है
(बाबुल का ये घर, गोरी, कुछ दिन का ठिकाना है)