Ae Ajnabi

The song's gentle rhythm and soothing melody create a dreamlike atmosphere, making it an ideal listen for introspective moments. Udit Narayan's expressive voice, combined with Mahalakshmi Iyer's harmonious interludes, makes "Ae Ajnabi" a timeless piece that continues to touch hearts with its poignant and soulful rendition of love and longing.

Song Details
Composer
Lyricist
Singer,
Album
Record LabelIshtar Music Pvt. Ltd.
Song Release Year
Ae Ajnabi Lyrics in Hindi

ओ पांखी पांखी परदेसी
पांखी पांखी परदेसी
पांखी पांखी परदेसी
पांखी पांखी परदेसी
पांखी पांखी परदेसी
पांखी पांखी परदेसी

ऐ अजनबी तू भी कभी आवाज़ दे कहीं से
ऐ अजनबी तू भी कभी आवाज़ दे कहीं से
मैं यहाँ टुकड़ों में जी रहा हूँ
मैं यहाँ टुकड़ों में जी रहा हूँ
तू कहीं टुकडो में जी रही है
ऐ अजनबी तू भी कभी आवाज़ दे कहीं से
ऐ अजनबी तू भी कभी आवाज़ दे कहीं से

रोज़ रोज़ रेशम सी हवा, आते जाते कहेती है बता
रेशम सी हवा कहेती है बता
वोह जो दूध-धूलि मासूम कलि वोह है कहाँ कहाँ है
वोह रौशनी कहाँ है, वोह जान-सी कहाँ है
मैं अधुरा तू अधूरी जी रही है

ऐ अजनबी तू भी कभी आवाज़ दे कहीं से
ऐ अजनबी तू भी कभी आवाज़ दे कहीं से
मैं यहाँ टुकड़ों में जी रहा हूँ
मैं यहाँ टुकड़ों में जी रहा हूँ
तू कहीं टुकडो में जी रही है
ऐ अजनबी तू भी कभी आवाज़ दे कहीं से

पांखी पांखी परदेसी
पांखी पांखी परदेसी
पांखी पांखी परदेसी
पांखी पांखी परदेसी

तू तो नहीं है लेकिन तेरी मुस्कुराहटें है
चेहेरा कही नहीं है पर तेरी आहटें है
तू है कहाँ कहाँ है, तेरा निशान कहाँ है
मेरा जहाँ कहाँ है
मैं अधुरा तू अधूरी जी रही है

ऐ अजनबी तू भी कभी आवाज़ दे कहीं से
ऐ अजनबी तू भी कभी आवाज़ दे कहीं से
मैं यहाँ टुकड़ों में जी रहा हूँ
मैं यहाँ टुकड़ों में जी रहा हूँ
तू कहीं टुकडो में जी रही है

ऐ अजनबी तू भी कभी आवाज़ दे कहीं से
ऐ अजनबी तू भी कभी आवाज़ दे कहीं से