Abhi Mujh Mein Kahin has been widely acclaimed for its soulful melody and heartfelt lyrics, becoming a favorite among Bollywood music lovers. It is often cherished for its ability to evoke deep emotions and provide solace during moments of introspection. The song's enduring popularity is a testament to its timeless appeal and its ability to connect with listeners on a profound level, making it a cherished gem in contemporary Bollywood music.
Composer | Ajay Atul |
Lyricist | Amitabh Bhattacharya |
Singer | Sonu Nigam |
Album | Agneepath |
Record Label | Sony Music Entertainment India Pvt. Ltd. |
Song Release Year |
अभी मुझ में कहीं
बाक़ी थोड़ी सी है ज़िंदगी
जगी धड़कन नई
जाना ज़िंदा हूँ मैं तो अभी
कुछ ऐसी लगन इस लम्हे में है
ये लम्हा कहाँ था मेरा
अब है सामने, इसे छू लूँ ज़रा
मर जाऊँ या जी लूँ ज़रा
खुशियाँ चूम लूँ या रो लूँ ज़रा
मर जाऊँ या जी लूँ ज़रा
हो, अभी मुझ में कहीं
बाक़ी थोड़ी सी है ज़िंदगी
हो, धूप में जलते हुए तन को
छाया पेड़ की मिल गई
रूठे बच्चे की हँसी जैसे
फुसलाने से फिर खिल गई
कुछ ऐसा ही
अब महसूस दिल को हो रहा है
बरसों के पुराने
ज़ख्म पे मरहम लगा सा है
कुछ ऐसा रहम इस लम्हे में है
ये लम्हा कहाँ था मेरा
अब है सामने, इसे छू लूँ ज़रा
मर जाऊँ या जी लूँ ज़रा
खुशियाँ चूम लूँ या रो लूँ ज़रा
मर जाऊँ या जी लूँ ज़रा
डोर से टूटी पतंग जैसी
थी ये ज़िंदगानी मेरी
आज हो, कल हो मेरा ना हो
हर दिन थी कहानी मेरी
एक बंधन नया
पीछे से अब मुझको बुलाए
आने वाले कल की
क्यूँ फ़िकर मुझको सता जाए?
एक ऐसी चुभन इस लम्हे में है
ये लम्हा कहाँ था मेरा
अब है सामने, इसे छू लूँ ज़रा
मर जाऊँ या जी लूँ ज़रा
खुशियाँ चूम लूँ या रो लूँ ज़रा
मर जाऊँ या जी लूँ ज़रा